Saturday, March 15, 2025

अ.भा. कला मंदिर की बहु प्रतीक्षित प्रांतीय एवं जिला भोपाल कार्यकारिणी का गठन एवं नव ‘संवत्सर पर नव रंग’ काव्य गोष्ठी सानंद संपन्न

गत रविवार को हिन्दी भवन के नरेश मेहता कक्ष में साहित्य जगत की अग्रणी संस्था अखिल भारतीय कला मंदिर की राष्ट्रीय कार्यकारिणी का पुनर्गठन, विस्तार, प्रांतीय कार्यकारिणी मध्यप्रदेश एवं भोपाल जिला इकाई का गठन करते हुए राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉ. गौरीशंकर शर्मा ‘गौरीश’ ने बताया कि इसका उद्देश्य साहित्य, संस्कृति एवं कला को समूचे देश, प्रांत एवं जिला स्तर पर बहुआयामी गतिविधियों को नई ऊंचाई प्रदान करना है। नव निर्वाचित पदाधिकारियों से जिम्मेदारी से काम करने का आह्वान करते हुए, स्वागत किया एवं बधाइयाँ दीं।
दूसरे चरण में *नव संवत्सर-नव रंग* काव्य गोष्ठी का आयोजन हुआ। साहित्यकार एवं शिक्षाविद डॉ. गौरीशंकर शर्मा गौरीश की अध्यक्षता एवं अंतर्राष्ट्रीय ख्याति प्राप्त व. साहित्यकार डॉ. जवाहर कर्नावट के मुख्य आतिथ्य, वरिष्ठ साहित्यकार श्री हरिवल्लभ शर्मा ‘हरि’ के विशिष्ट आतिथ्य एवं भेल के उभरते हुए युवाकवि अभिषेक जैन ‘अबोध’ के कुशल संचालन में सम्पन्न हुई, जिसमें भोपाल शहर के 40 से ज्यादा साहित्यकारों ने शिरकत की।
गोष्ठी का शुभारंभ कवियत्री श्रीमती सुनीता शर्मा ‘सिद्धी’ की सुमधुर सरस्वती वंदना से हुआ, जिसके पश्चात जानें माने गज़लकार श्री मनीष ‘बादल’ जी सुंदर गज़ल प्रस्तुत की जिसके अशआर थे ‘मकाने जिस्म के अंदर किराएदार जैसा था, मेरा होना मेरे भीतर किसी इकरार जैसा था’। श्रीमती सीमा हरि शर्मा ने – ‘चैत्र मास की प्रतिपदा, नभ धरणी खुशहाल। अपना नूतन वर्ष यह, नव सम्वत नवसाल।’ नव संवत्सर नव रंग पर अपनी खूबसूरत रचनाओं का पाठ किया से सभी को मंत्रमुग्ध कर दिया। व.कवि कृष्णदेव चतुर्वेदी जी ने ‘यहां आओ लिखो कविता, सिखाता है कला मंदिर, दिलों की बात को सुनना सिखाता है कला मंदिर के द्वारा संस्था द्वारा अभूतपूर्व योगदान को अपने शब्द सुमनों से वर्णित किया।
नयी सदस्यता ग्रहण कर श्रीमती रौशनी जैन ने श्रृंगार रस की रचना ‘ उफ ये रात और ये चांद पूरे शवाब पर है’ प्रस्तुत कर खूब वाहवाही लूटी। श्री पुरषोत्तम ‘साहित्यार्थी’ ने ‘रहे विरोधाभास हमारे जीवन के संकेत, नश्वर जीवन रहा फिसलता ज्यों मुठ्ठी से रेत’ दार्शनिक कविता प्रस्तुत की। डॉ आशीष भारती ने ‘समय भागे और तुम पीछे छूट जाओ कहीं, जिंदगी परीक्षा ले और तुम हार जाओ कहीं, द्वारा गहरा संदेश प्रेषित किया। श्री शिवांश सरल जी ने हास्य कविता ‘अभी से बुड़ाई आ गई है, क्या कोई नई जिंदगी मे आ गई है’ में खूब ठहाके लगवाए। अशोक व्यास जी ने ‘ चहरा तेरा, व्यक्तित्व मेरा, नजरे तेरी अस्तित्व मेरा’ सुंदर गीत प्रस्तुत किया।
श्रीमती सुनीता शर्मा ‘सिद्धि’ ने ‘तीन रंगों से सजे तिरंगा’ खूबसूरत राष्ट्र भक्ति से ओतप्रोत रचना प्रस्तुत की। व. कवि श्री बिहारी लाल ‘अनुज’ जी ने ‘सोए भाव जगा सकती है, अंबर में आग लगा सकती है’ रचना में कविता के महत्व पर प्रकाश डाला। कवि श्री संजय सरस ने ‘वो तो पतंग है पकड़ा जाए, रंगों को बेरंग किया जाए, चीर फाड़ किया जाए’ नारी उत्पीड़न पर वर्तमान समाज की दशा दुर्दशा प्रस्तुत की। युवाकवि श्री अभिषेक जैन ‘अबोध’ ने श्रृंगार की सुमधुर रचना ‘तुम्हारी आँख का आसूं , मेरी तक़दीर बन जाए, बनाऊँ अक्स कोई भी, तेरी तस्वीर बन जाए’ प्रस्तुत कर खूब वाहवाही लुटेरी। सुषमा श्रीवास्तव सजल जी ने ‘दूषित हो रहे धरती,अम्बर,दूषित ताल-तलैया, विकास की अंधी दौंड़ में सब दौड़ रहे है भैया’ में अपना गहन चिंतन प्रस्तुत किया।
संस्था के उपाध्यक्ष वरिष्ठ कवि श्री हरिवल्लभ शर्मा ‘हरि’ ने ‘ उत्तरायण सूर्य नत, इस प्रात का वंदन करें, आइए नव वर्ष का हम आज अभिनंदन करें।’ रचनापाठ से सभी का मन मोह लिया। व. कवि श्री शरद पटेरिया ने ‘अनुशासन प्रिय सकल समन्वय, राष्ट्र भावना चिंतन ध्यान’ रचना में दादा श्री गौरी शंकर ‘गौरीश’ जी की रचना धर्मिता और उनके साहित्य जगत में अभूतपूर्व योगदान को सराहा। कवि श्री अशोक व्यग्र जी ने ‘मैं दिनकर, दिनभर का हारा, मुख है म्लान मलिन, अनुचर जैसी नित चर्या से, आलोकित है दिन।’ सुंदर शब्द शिल्प प्रस्तुत कर सभी को भाव विभोर कर दिया।वरिष्ठ साहित्यकार श्री सुरेश पटवा ने कवि कविता और पत्नि के सुन्दर त्रिकोणीय आयाम को प्रस्तुत कर सराहना प्राप्त की।
वरिष्ठ कवि श्री सुशील गुरु ने, व. कवि श्री विनोद जैन, श्री शरद यायावर इत्यादि अनेक साहित्यकारों ने एक से बढ़कर एक सुंदर प्रस्तुतियां दी और खूब वाहवाही लूटी। अंत में दादा श्री गौरी शंकर ‘गौरीश’ जी ने अपने अध्यक्षीय उद्बोधन में कला मंदिर के सभी नव निर्वाचित सदस्यों को शुभकामनाएं प्रेषित की और ‘हंसते रहो हंसाते रहो, कुछ नहीं तो बस मुस्कुराते रहो’ का सुंदर संदेश प्रेषित किया। अंत में आभार श्री पुरुषोत्तम तिवारी ‘साहित्यार्थी’ ने किया। सफल ग़ोष्ठी की सभी को बधाइयाँ

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